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गुस्से से सेक्स तक | Indian Sex Story In Hindi

हैलो दोस्तों ! मेरा नाम आतिफ है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मैं हमेशा यह सोचा करता था कि क्या मैं भी कभी अपनी ज़िन्दगी में किसी के साथ सेक्स कर पाऊँगा! मुझे ब्लू-फिल्म देखने की आदत है लेकिन क़िस्मत देखिए कि कभी भी मैं किसी के साथ सेक्स नहीं कर पाया था। मेरी उम्र २३ साल और कद ५ फीट ९ इंच है। वैसे लोग कहते हैं कि मैं स्मार्ट भी हूँ, ख़ैर छोड़िये।

लेकिन मैं आप को अपनी एक ऐसी हक़ीकत से वाक़िफ कराना चाहता हूँ जो मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। ये होने के बाद मैं मन ही मन बड़ा खुश होता रहता था क्योंकि जो मैं इतनी कोशिश करने के बाद भी नहीं कर पाया वो अचानक हो गया।

हुआ ये कि मेरे घर के सामने एक घर है जिसमें एक परिवार रहता है जो बिहार से है, उस परिवार में ४ सदस्य हैं जिनमें से २ बच्चे और दो बड़े हैं

जून २००८ की बात है जब मेरा परिवार स्कूल की छुट्टियों की वज़ह से गाँव गई हुई थी तो बस मैं ही घर पर अकेला था। शनिवार की बात है उस दिन मेरे ऑफिस में छुट्टी होती है तो थोड़ा देर से सोया और देर से जागा। उसके बाद मैं फ्रेश हुआ और बिस्किट खरीदने के लिए दुकान पर गया।

वह दुकान बहुत ही छोटी थी और वहाँ भीड़ बहुत ज्यादा रहती थी। जहाँ मैं खड़ा था उसके एकदम आगे मेरे सामने वाली आँटी खड़ी थी वो भी कुछ सामान ले रही थी और भीड़भाड़ होने की वज़ह से हम एक-दूसरे से बिल्कुल चिपके हुए थे। पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया फिर मैंने महसूस किया कि मेरा लण्ड आँटी की गाँड पर लग रहा है। मेरा लण्ड एकदम तन गया, मुझे बहुत मज़ा आने लगा। फिर आँटी सामान लेकर जाने लगी, जाते हुए आँटी ने मेरी तरफ देखा, उनका चेहरा गुस्से से लाल था। मुझे पता नहीं क्यों, बहुत शर्म सी आई और फिर मैं भी उनके जाने के करीब १०-१५ मिनटों के बाद घर आ गया।

मैंने पहले तो चाय पी, फिर अपने दरवाज़े के सामने खड़ा हो गया। अचानक आँटी ने अपना दरवाज़ा खोला और मुझे देखकर आँटी ने मुझे कहा "बेटा, क्या तुम हमारा एक काम कर दोगे?"

"कहिए आँटी जी," मैंने डरते हुए कहा।

उन्होंने कहा, "बेटा, मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा है, तुम मेरा एक डिब्बा उतार दो।"

मैंने कहा- ठीक है। फिर मैं उनके घर चला गया, वहाँ ऊँचाई पर एक डिब्बा रखा हुआ था, आँटी ने बताकर कहा,"बेटा यही डिब्बा उतारना है।"

मैंने डिब्बा उतार दिया। तभी आँटी ने गेट बन्द कर लिया।

मैंने कहा- आँटी ! मैं जाता हूँ, तो उसने मुझे बुलाया, "इधर आओ,"

यह सुनकर मेरी तो हवा ही खिसक गई, लेकिन फिर मैं भी हिम्मत करके चला गया। मैंने कहा "कहो आँटी, क्या कोई और कोई काम है?"

"नहीं, एक बात पूछनी थी।" आँटी ने कहा।

मैं डर गया, डरते-डरते मैंने कहा, "कहिए आँटी जी !"

आँटी ने पूछा, "तुम्हारी उम्र कितनी है?"

मैंने जवाब दिया, "आँटी जी, २३ साल !"

फिर आँटी ने कहा कि मेरी उम्र ४० साल है और मैंने तुम्हारी माँ के उम्र की हूँ, तुम्हें शर्म नहीं आई दुकान पर ऐसी हरक़त करते हुए?

मैंने गर्दन नीचे किये हुए उनसे माफी माँगी, "आँटी मुझे माफ कर दो, आज के बाद ऐसा नहीं होगा," मैं उनके सामने हाथ जोड़ने लगा।

"अरे कोई बात नहीं, ऐसी उमर में ऐसा होता है। पहले भी किसी के साथ ऐसा या कोई और गलत काम किया है?"

मैं कुछ नहीं बोला।

फिर आँटी ने कहा, "अरे शरमाओ मत, बताओ।"

"नहीं आँटी ! अभी तक नहीं।"

"शादी से पहले कम से कम २-३ बार ज़रूर करना चाहिए।"

मैंने हिम्मत करके कहा, "क्यों आँटी?"

"क्योंकि हर काम से पहले ट्रेनिंग ज़रूरी है, जैसे आर्मी वालों को दी जाती है। क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है?"

"नहीं आँटी जी, मेरी कोई भी गर्लफ्रेण्ड नहीं है।"

"ये तो बड़े ही दुःख की बात है।" आँटी ने कहा।

"अगर तुम इजाज़त दो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ।" आँटी ने आगे कहा।

"कैसे?" मैंने प्रश्न किया।

उन्होंने कहा, "मैं तुम्हें ट्रेनिंग दूँगी ताकि तुम अपनी बीवी को ज़्यादा खुश रख सको। क्या तुम तैयार हो?"

"जी हाँ आँटी, जैसा आप कहें।"

मैं सोच रहा था कि ये मेरे साथ ऐसी बातें कैसे कर रही हैं, वो भी पहली बार। मुझे लगा शायद दुकान वाली हरकत की वज़ह से वह मुझसे ऐसी बातें कर रही है।

आँटी ने मेरे हाथ अपने चेहरे पर लगाये और मुझे कहा कि मेरे गालों को सहलाते रहो। मैं ऐसा ही करता रहा। फिर आँटी ने मेरा हाथ अपनी टाँग पर रखा और मुझसे कहा- मेरी टाँग पर अपना हाथ फेरते रहो।

मैं ऐसा ही करता रहा। मुझे भी मज़ा आने लगा। आँटी बहुत गरम होने लगी और मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरी गाँड पर हाथ फेरने लगी।

मैंने अपना हाथ टाँग से हटाकर आँटी के मोटे-मोटे बूब्स पर रखा, वैसे तो उन्होंने कपड़े नहीं उतारे थे, पर फिर भी मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। आँटी कहने लगी कि तुम तो इंटेलीजेन्ट हो, अपने आप ही हाथ रख लिया।

फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से बूब्स दबाने लगा, आँटी एकदम पागल सी हो गई। मैं भी होश खो बैठा और अपना हाथ आँटी के पेटीकोट में अन्दर उनकी प्यारी सी चूत पर रखा, वो एकदम मुझसे चिपक गई।

फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी चूत में डाली और बार-बार अन्दर-बाहर करने लगा। आँटी को बड़ा मज़ा आने लगा। मज़े की वज़ह से वो सिसकियाँ लेने लगी। उनके मुँह से आवाज़ें आ रहीं थीं... हाय ! मैं मर गईईईईईईईईईईई....! ओओओओओ....! ह्ह्हहह्ह।

फिर अचानक आँटी ने कहा कि मैं तुम्हें इस ट्रेनिंग का आखिरी पाठ सिखाती हूँ और फिर उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे अपने बेड पर लेटने के लिए कहा। मैं लेट गया। उन्होंने भी अपने कपड़े उतार दिये।

अब वो मेरे सामने एकदम नंगी थी। वो उतनी ख़ूबसूरत तो नहीं थी, पर उसकी फिगर लाजवाब थी। फिर वो मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़कर अपने हाथ को ऊपर-नीचे करने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और फिर अपने मुँह को ऊपर-नीचे करने लगी। मेरा लण्ड एकदम तन गया और करीब ७-७.५ इंच का हो गया।

फिर उन्होंने फिर मुझे कहा कि अब तुम उठो और मैं लेटती हूँ। मैं सोच रहा था कि यार, कहीं इसका दिमाग तो खराब नहीं हो रहा है, लेकिन फिर ये सोचकर कि कहीं बना-बनाया काम न बिगड़ जाये, मैंने कुछ नहीं कहा। फिर वो लेट गई और मुझे कहा अपना मुँह मेरी दोनों टाँगों के बीच में रखकर मेरी चूत को चाटो !

मैंने कहा, आँटी ये गन्दी है। आँटी ने पूछा, "क्या तुम अपनी बीवी को खुश नहीं रखना चाहते?"

मैंने उत्तर दिया "हाँ"।

"तो फिर चलो, जल्दी करो।"

मैंने चाटना शुरू कर दिया।

मैंने देखा कि आँटी की आँखें बन्द हैं और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रहीं हैं। थोड़ी देर ऐसा ही करने के बाद आँटी ने कहा "रूको !"

मैंने पूछा "क्या हुआ?"

आँटी ने कहा, "कुछ नहीं हुआ, अब मैं तुम्हें सबसे मज़ेदार, और सबसे आख़िरी स्टेप सिखाती हूँ।

फिर आँटी ने अपनी टाँगें ऊपर कीं और मुझे कहा कि अपना लण्ड मेरी चूत पर रखो और अपने हाथ मेरे कंधे के पास। मैंने ऐसा ही किया। फिर आँटी ने मेरा गरम लण्ड अपनी गरम चूत पर रखा और मुझे कहा कि अब धीरे-धीरे इसे अन्दर करते रहो। मैंने ऐसा ही किया। जब मेरा आधा लण्ड अन्दर जा चुका था तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।

आँटी कह रही थी कि तुम्हारा लण्ड कितना मोटा है। बड़ा दर्द हो रहा है।

मैंने कहा, "अगर आप कहती हैं तो मैं निकाल लेता हूँ।

आँटी ने कहा, नहीं मेरी जान, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, और दर्द तो ज़रूर होता है और जितना दर्द होगा, बाद में मज़ा भी उतना ही आयेगा।

मैंने फिर एकदम से अपना सारा का सारा लण्ड उसकी गरम चूत में पेल दिया। वो चिल्लाने लगी, कहने लगी कि इसे फाड़ेगा क्या। उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।

मैंने पूछा, "बहुत दर्द हो रहा है क्या?"

"जानवर की तरह करेगा तो दर्द नहीं होगा?"

"सॉरी आँटी...!"

आँटी बोली, "कोई बात नहीं, तुम लगे रहो, धीरे-धीरे दर्द कम हो जाएगा।"

चार-पाँच मिनट बाद शायद उसका दर्द कम हो गया, क्योंकि वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी, "आज इसे फाड़ दो... मैं तुम्हारी हूँ... ज़ोर-ज़ोर से पेलो मेरी जा..आआआआआआआन.... आआआआआआआआह ईईईईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ आआआआआआआआह मैं मर गईईईईईईईई।

तकरीबन १५ मिनट के बाद आँटी ने कहा मेरी जान अब दूसरा स्टेप करते हैं और वो फिर उठी और डॉगी स्टाईल में हो गई और मुझे कहा अब दुबारा अपना काम शुरू करो।

मैंने फिर उसकी गरम चूत में अपना सात इंच का मोटा लण्ड पेल डाला। वो फिर सिसकियाँ लेने लगी, और चिल्लाने लगी, "मैं मर गई... आज मेरी चूत को फाड़ डालो मेरी जान..."

और मैं भी मज़े से पागल हो रहा था। हम दोनों की आवाज़ें पूरे कमरे में गूँज रहीं थीं।

तकरीबन १० मिनट बाद आँटी ने कहा "ज़रा हटो।"

"क्यों आँटी?"

"अब मैं तुम्हें वो स्टेप सिखाऊँगी जो अन्त में करना चाहिए, जब तुम्हारी गाड़ी मंज़िल पर पहुँचने वाली हो।"

"ठीक है आँटी।"

वो पिर उसी पोज़ीशन में आ गई जैसे कि शुरू में थी, अपने दोनों पैर ऊपर उठा लिये और फिर कहा कि अब दुबारा इसमें डाल दो, और चाहे जो कुछ भी हो, अपना लण्ड अन्दर ही रहने देना।

मैंने सोचा कि यार क्या होगा, फिर मैंने अपना लण्ड घुसेड़ दिया और तकरीबन ६-७ मिनटों के बाद मुझे और आँटी को बड़ा जोश आने लगा। हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से सिसकने लगे... आहहहहहहहहहहह ओययययययययययय आआआआआआआहहहहहहह।

मैंने फिर आँटी से कहा कि आँटी लगता है मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।

"मेरी भी चूत से निकलने वाला है, लेकिन तुम अन्दर ही रखना और अन्दर ही डाल देना जो भी निकलेगा।"

मैंने कहा, "ठीक है।"

आँटी फिर शायद झड़ने वाली थी क्योंकि उसने मुझे बहुत कसकर पकड़ रखा था और आँटी कहने लगी मेरी जान... मैं मर गई... मैं झड़ने वाली हूँ। फिर वह झड़ गई।

दो मिनट बाद मेरा भी काम हो गया। आँटी पहले भी १ बार बीच में झड़ चुकी थी, फिर हम दोनों थोड़ी देर तक एक-दूसरे से लिपटे रहे और फिर आँटी ने कहा, "लो ये कपड़ा और इसे साफ कर लो।" आँटी ने भी अपनी चूत साफ कर ली और फिर पूछा, "कुछ सीखा?"

"हाँ आँटी, मैं सीख गया।"

"मेरी जान अब मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ। अगर तुम्हें मेरी क्लास अच्छी लगी हो तो तुम रोज़ आ सकते हो।"

"ठीक है आण्टी जी मैं रोज़ सीखने आया करूँगा।" मैंने उत्तर दिया।

फिर आँटी ने मुझे एक लम्बी पप्पी दी और कहा कि अब तुम जाओ मेरी जान।

फिर मैंने कपड़े पहने और अपने घर वापस आ गया।

उसके बाद मैं आँटी को चोदने रोज उसके घर जाने लगा। १ महीने तक हमने खूब मस्ती की। और अब भी जब मौका हाथ लगता है हम दोनों सेक्स करते हैं, खूब मज़े लेते हैं... अब मैं एक दूसरी औरत पर लाईन मार रहा हूँ जिसकी शादी अभी-अभी हुई है। अगर हमारी बात वहाँ तक पहुँचती है तो मैं आपको ज़रूर लिखूँगा.... बाययय